पृष्ठ-मर्म (न्)/prshth-marm (n)

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पृष्ठ-मर्म (न्)  : पुं० [ष० त०] सुश्रुत के अनुसार पीठ पर के वे चौदह मर्मस्थान जिन पर आघात लगने से मनुष्य मर जाता है, अथवा उसका कोई अंग बेकाम हो सकता है। ये सब स्थान गरदन से चूतड़ तक मेरुदंड के दोनों ओर युग्म संख्या में हैं और इन सबके अलग-अलग नाम हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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